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बोलियों का गीत / शेरजंग गर्ग
Kavita Kosh से
गधे मियाँ क्या गाते हैं?
ढेंचू राग सुनाते हैं।
चिड़िया क्या फ़रमाती है?
चीं-चीं-चीं बतियाती है।
मुर्ग़े जी क्या बोल रहे?
कुकडूँ कहते डोल रहे।
शेर गरज गुर्राता है?
हर कोई डर जाता है।