बोलो तो भारत में / रोहित आर्य
बोलो तो भारत में, कब वह दिन आएगा,
जिस दिन न नारी को, कोई भी सताएगा॥1॥
बोलो तो भारत में...
नौ महीने कोख में वह हमें रखती है और,
हमें जन्म देकर के माता बन जाती है,
अमृत जैसा दूध हमको पिलाती और,
पाल-पोसकर यह जीवन बनाती है।
माँ के बिन जन्म कोई, ना हरगिज पायेगा॥2॥
बोलो तो भारत में...
पत्नी बनी तो जीवन को है सुधार दिया,
सारे सुख-दुःख को हमेशा बाँट लेती है,
अपने पति के लिए मौत से भी लड़ती है,
सारी दुविधाओं को स्वयं काट देती है।
उस प्रेम, समर्पण को कहीं और न पायेगा॥3॥
बोलो तो भारत में...
जब कभी बेटी बनकर के चहक उठी,
सारे घर में ही खुशियों को बरसाती है,
बनके बहन जब प्यार दिखलाती है तो,
सारे दुःख और सारे गम को भुलाती है।
यह प्यार और खुशियाँ जग कैसे पायेगा॥4॥
बोलो तो भारत में...
नारी के बिना कभी ये जीवन मिलेगा नहीं,
कोई खुशियाँ भी तेरे पास नहीं आयेंगी।
माँ, बहन, बेटी या कि पत्नी बनेगी जब,
ढेर सारा प्यार बस तुझ पै लुटायेंगी।
इन सबके बिन जीवन, तू जी नहीं पायेगा॥5॥
बोलो तो भारत में...
इसलिए देवी बतलाया इसको गया है,
हर एक नारी को सम्मान आप दीजिए,
गन्दी मानसिकता को अपनी बदल डालो,
भूलकर के भी नहीं अपमान कीजिये।
इज्जत ग़र दोगे तो ना कुछ घट जायेगा॥6॥
बोलो तो भारत में...
नारियों पै होते अत्याचार रुक जायेंगे जी,
अत्याचारियों के जब शीश काटे जायेंगे,
सारे अपराधियों की रूह कांपने लगेगी,
सरेआम फाँसियों पै जब लटकायेंगे।
सपने में भी कोई, अपराध न आयेगा॥7॥
बोलो तो भारत में...
नारियों को मान व सम्मान जब देंगे सब,
सच में पुरुष तब ही तो बन पायेंगे,
देश ये हमारा और ज़्यादा उन्नति करेगा,
साथ-साथ लेके जब कदम बढ़ायेंगे।
"रोहित" उस दिन भारत जन्नत बन जायेगा॥8॥
बोलो तो भारत में...