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ब्रांज का घोड़ा / केदारनाथ अग्रवाल
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घोड़े को देखकर
घोड़ा बनाया
शिल्पी ने
ब्रांज का,
घोड़े मर गए
ब्रांज का घोड़ा नहीं मरा
ब्रांज का घोड़ा देह और प्राण में
एक है।
रचनाकाल: २२-१०-१९७०