Last modified on 5 अगस्त 2009, at 02:34

भक्तन को कहा सीकरी सों काम / कुम्भनदास

भक्तन को कहा सीकरी सों काम।
आवत जात पन्हैया टूटी बिसरि गये हरि नाम॥
जाको मुख देखे अघ लागै करन परी परनाम॥
'कुम्भनदास' लाल गिरिधर बिन यह सब झूठो धाम॥