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भगवान! तुम्हारे घर बेटी पैदा नहीं होती? / मनोज पाण्डेय

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तुम
ये तो मानोगे
अपनी इच्छा से ही लिया
हर बार... अवतार
तुम्हारी इच्छा के आगे
किसी और की क्या बिसात?
 
खैर
अपने अवतार-रूप में
तुमने
लीला की;
रास-लीला की
कई बार;
कई-कई किये विवाह
बच्चे भी तुम्हारी इच्छा से पैदा हुए होंगे
जाहिर है
हैं ना भगवन!

इन बच्चों में कोई बेटी क्यों न हुई?
हे सर्वज्ञ
पहले ही पहचान जाते थे
या
रोपित नही करते थे
जरूरी गुणसूत्र
जानबूझ कर?

क्या हुआ भगवन?
चुप क्यों हो गये?