भगवान है कण कण में तो मूरत क्या है
मूरत की परस्तिश की ज़रूरत क्या है
मूरत भी तो कण कण से बनी है, तो फिर
मूरत की परस्तिश में कदूरत क्या है।
भगवान है कण कण में तो मूरत क्या है
मूरत की परस्तिश की ज़रूरत क्या है
मूरत भी तो कण कण से बनी है, तो फिर
मूरत की परस्तिश में कदूरत क्या है।