भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भजन-कीर्तन: कृष्ण / 15 / भिखारी ठाकुर
Kavita Kosh से
प्रसंग:
श्रीकृष्ण के गोकुल छोड़कर मथुरा जाने के बाद। भक्त को श्रीकृष्ण दर्शन की कामना।
नजरिया से एको छन विसरत नइखन श्याम।
ताकत राह चाह मोहन के दिन-रात आठो याम।
भूषण बसन असन प्रीतम बिनु लहकत बाटे धन-धाम॥
गोकुला त्यागि-लागि, कवने रिस कइलन मथुरा मोकाम।
कहत ‘भिखारी’ युगल चरनन में बार-बार प्रणाम॥