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भलाई के लिए बना / डेसमण्ड एमपीलो टुटू / नीता पोरवाल

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डेसमण्ड टुटू और उनकी बेटी मेपो ने मिलकर लिखी है यह कविता

“मेरे बच्चे, इतना संघर्ष मत करो
मेरा प्यार पाने के लिए तुम्हें कोई रेस नही जीतनी,
कुछ साबित नही करना, कोई अवरोध नही हटाना
मैं तो अपना प्यार तुम्हें पहले ही समर्पित कर चुकी हूँ
कायनात के पहली साँस लेने से पहले, मैं प्यार करती हूँ तुम्हें
जैसे मैंने एडम को मिट्टी से ढाला वैसे ही मैंने तुम्हारे लिए ख़्वाब देखे हैं
मैंने तुम्हें कोख से आद्र देखा है और मैं तुम्हें तब से प्यार करती हूँ
मेरा जूआ अपने ऊपर रखो और तब पाओगे,
कि मेरा जूआ आरामदेह है और मेरा वजन हलका है
अपनी क्षमता से ज़्यादा दौड़ना बन्द करो
इस तरह तो थक कर चूर हो जाओगे तुम,
गुस्से से धधकते लक्ष्य पूरा होने से पहले ही चुक जाओगे तुम
मेरे साथ आगे बढ़ो, मेरे साथ चलो

क्या तुम ऐसा सोचते हो कि मैं तुम्हारे जीवन की जरूरतों से परिचित नही?
मेरी मंज़ूरी को तरसते हुए तुम्हें मैं पूरे दम से संघर्ष करते हुए देखती हूँ
मैं देख रही हूँ तुम्हें, अपने आप को हद से ज़्यादा झुकाते हुए मेरी छवि से एकमेल करने के लिए
मेरी वह छवि जो बना रखी है तुमने
क्या तुम ऐसा सोचते हो मुझे पता नही कि तुम कौन थे मैंने तुम्हें कब बनाया,
तुम्हारी माँ की कोख के साथ कब तुम्हें ख़ुद से जोड़ा ?
क्या तुम ऐसा सोचते हो कि मैंने अंजीर का पेड़ लगाया और गुलाब खिलने का इन्तज़ार किया
नही, मेरे बच्चे, मैने वही बोया जिसे मैं उगाना चाहती थी

तुम मेरे दिल से जुड़ी मेरी अपनी सन्तान हो
अपनी छिप गई ख़ुशी ढूँढ़ों और तब तुम वहाँ पा लोगे मुझे

उसे हासिल करो जिसे पूरी तरह से अपने लिए ज़रूरी समझते हो तुम
और ये जान लो कि मेरी दिली ख़्वाहिश यही है
वही करो जिसमें ख़ुशी मिले तुम्हें
और तुम मेरे साथ काम करोगे
मेरे साथ क़दमताल करते हुए
तुम ढूँढ़ो अपनी ज़िन्दगी
जो छिपी हुई है मुझमें
कोई भी सवाल करो मुझसे
और हर दफ़ा मेरा जवाब प्यार ही होगा
जब तुम मेरी आवाज़ सुनना चाहो
तो प्यार के लिए ही सुनो
तुम मुझे कैसे ख़ुश कर सकते हो
मैं तुम्हे आज बताती हूँ : प्यार
मजबूत, अटूट, अडिग प्यार
क्या तुम मुझे ढूँढ़ रहे हो?
तुम मुझे प्यार में पा सकोगे
क्या तुम मेरे राज जानते हो
वह तो एक ही है : प्यार
क्या तुम मुझे जानना चाहते हो?
क्या तुम मेरा अनुसरण करना चाहते हो?
क्या तुम मुझ तक पहुँचना चाहते हो?
तो प्यार ढूँढ़ो और प्यार दो"

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : नीता पोरवाल

लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
A Poem by Desmond Tutu and his daughter Mpho

“Don’t struggle and strive so, my child.
There is no race to complete, no point to prove, no obstacle course to conquer for you to win my love.
I have already given it to you.
I loved you before creation drew its first breath.
I dreamed you as I molded Adam from the mud.
I saw you wet from the womb.
And I loved you then.

Take my yoke upon you and learn from me, for my yoke is easy and my burden is light.
Stop racing ahead at your own pace;
you will only be exhausted, flamed out, and spent before the task is accomplished.
Pace yourself with me, walk alongside me.

Do you think I don’t know the demands of your life?
I see you striving for perfection, craving my acceptance.
I see you bending yourself out of shape to conform to the image that you have of me.
Do you imagine that I did not know who you were when I made you, when I knit you together in your mother’s womb?
Do you think I planted a fig tree and expected roses to bloom?
No, child, I sowed what I wanted to reap.

You are a child after my own heart.
Seek out your deepest joy and you will find me there.
Find that which makes you most perfectly yourself and know that I am at the heart of it.
Do what delights you.
And you will be working with me,
Walking with me,
Find your life
Hidden in me.

Ask me any question.
My answer is love.
When you want to hear my voice,
Listen for love.
How can you delight me?
I will tell you:
Love.
The tough, unbreakable, unshakable love.
Are you looking for me?
You will find me in love.
Would you know my secrets?
There is only one:
Love.
Do you want to know me?
Do you yearn to follow me?
Do you want to reach me?
Seek and serve love. “

- a poem by Desmond Tutu and his daughter Mpho