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भाई / सांवर दइया
Kavita Kosh से
कूड़-कूड़
साव कूड़-
भाई भुजा हुवै
कूड़…… कूड़…… कूड़
साच है फगत
हेत रै आंगणै में
धूड़……धूड़……धूड़ !
हुवै
हां SS हुवै –
ना कोई आगै
ना कोई लारै
म्हैं अकेलो
सुखी हूं
सोरो हूं
म्हारो मन हेला मारै
भाई नै मरवाय
जिका भाई
भौजाई रो नखरो भांगै
ऐड़ा भाई
(आगोतर री छोड़ो
इण जमारै में ई)
कोई बाळन नै मांगै !