भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भागल चुहरा सिमरियामे जुटि गेल / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
भागल चुहरा सिमरियामे जुटि गेल
पहिल छह सिमरियामे मारैय
एक्के छह आय माटि फेकैय
गंगा के नाम से हौ माटि चुहर फेकैय
बान्ह पड़ि गेल गंगाजी के
बुढ़िया रूप मैया गंगा धेलकै
चुहर लगमे खाड़ा भऽ कऽ
तबे जवाब मैया गंगा कहै छै
सुनऽ सुन हौ डाकू चुहर
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
किय कारणमाँ बान्ह जे बान्हलऽ
तेकरो हलतिया बौआ हमरा तू बता दियौ हौ।।