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भाग्यहीन दीन दुखिया के सेविका छोॅ तोंहीं / अनिल शंकर झा

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भाग्यहीन दीन दुखिया के सेविका छोॅ तोंहीं
तोंही भगवन्त के छोॅ उर गृह स्वामिनी।
जन-गण-मन के निनाद नाद तोंही आरो
तोंही शिवभाव के भी छहोॅ अनुगामिनी।
रागिनी भी तोंही, तोंही प्रेम याग यागिनी छोॅ
कृश मधु भावना के लोक के विहारिणी।
तोंही छौ विरागिनी आ तोंही अनुरागिनी भी
त्यागिनी भी तोंही-तोंही विश्व-क्षेमकारिणी।