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भाग - 1 / मेरी प्रिय गीत पहेलियाँ / श्रीप्रसाद

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लाल-लाल हैं

लाल-लाल हैं लगे खेत में
हरे-हरे हैं कच्चे
डलिया में रखते जाते हैं
तोड़-तोड़कर बच्चे

काट-काटकर इनको खाओ
या खाओ तरकरी
इनका रस पीने से बनती
सेहत खूब हमारी
उत्तर: टमाटर

पानी के ऊपर

पानी के ऊपर चलती है
जैसे चलती रेल
धीरे-धीरे हिलती-डुलती
करती है यह खेल

नदी पार करते हैं इससे
चलती है यह रोज
धरती पर यह काम न करती
अब उत्तर लो खोज।
उत्तर: नाव

कूल-कूल

कूल-कूल हो गए, हो गया
पूरा कमरा ठंडा
गरमी भागी, हमने मारा
ऐसा उसको डंडा

अब हम पढ़ते हैं कमरे में
काम ढेरसा करना
पानी भरा हुआ मशीन में
गरमी से क्या डरना।
उत्तर: कूलर

मखमल जैसी

मखमल जैसी बिछी हुई है
धरती के ऊपर
घर के अंदर मैं आया हूँ
इस पर ही चलकर

बरसा के आते ही फैली
जहाँ जगह पाई
सभी ओर इससे ही तो है
हरियाली आई

पैरों के नीचे रहती है
फिर भी शान मिली
पशुओं को इससे ही तो है
सचमुच जान मिली।
उत्तर: घास

चौड़ी-सी थाली

आसमान में रखी हुई है
चौड़ी-सी थाली
कोई चीज नहीं है इसमें
बिलकुल है खाली

पर थाली चमका करती है
दिनभर जगर-मगर
खेत चमकते, नदियाँ, पर्वत
बाग, बगीचे, घर।
उत्तर: सूरज

चार पैर

चार पैर हैं आगे-पीछे
इस पर सोते हम
मच्छर हमें काटते हैं जब
कितना रोते हम

इस पर बैठ बात करते हैं
इसे बिछाते हैं
पर कुछ लोग बिना इसके भी
तो सो जाते हैं।
उत्तर: चारपाई

धरती चमकी सारी

रात हुई तो बिछी दूध-सी
धरती चमकी सारी
आसमान से एक परी-सी
उतरी प्यारी-प्यारी

पेड़ों के पत्ते-पत्ते में
नई चमक-सी आई
बाग-बगीचे चमक रहे हैं
नदी-नदी मुसकाई।
उत्तर: चाँदनी

मीठा गाना

आमों में बोला करती है
गाती मीठा गाना
शाम-सुबह मेरी बगिया में
बोली सुनने आना

मीठे आमों को खाती है
मीठी बोलीपाई
लगता है बाँसुरी किसी ने
जैसे कहीं बजाई
उत्तर: कोयल

ठंडी-ठंडी

मैंने खाई तुमसे ज्यादा
ठंडी ठंडी ठंडी
पंद्रह रुपये में दो आईं
ठंडी ठंडी ठंडी

मीठी-मीठी खाते जाओ
ठंडी ठंडी ठंडी
काका से कहकर मँगवाओ
ठंडी ठंडी ठंडी
उत्तर: आइसक्रीम

गोल-गोल

आसमान में चमक रहे हैं
गोल-गोल रसगुल्ले से
पूरे आसमान में फैले
बड़े-बड़े बड़बुल्ले से।
उत्तर: तारे

आगे चक्का

आगे चक्का, पीछे चक्का
दो चक्कों की एक सवारी
इस पर बैठा टन-टन करता
रोज कहाँ जाता बनवारी।
उत्तर: साइकिल