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भाग - 2 / मेरी प्रिय गीत पहेलियाँ / श्रीप्रसाद

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जगाया सबको

आया सुबह, जगाया सबको
काले रंग वाला
मुँडेरे पर आकर बैठा
शोर मचा डाला

जागे दादा, जागीं दादी
मेरा घर जागा
शोर मचाकर किसी और घर
जल्दी से भागा
उत्तर: बौना

भागा-भागा

सारे चूहे नाच रहे हैं
दुश्मन भागा घर से
बहुत बड़ा भालू जैसा ही
कुत्ता गया इधर से

उसे देखकर के वह भागा
भागा भागा भागा
चूहेवाले घर को उसने
मन में डरकर त्यागा।
उत्तर: बिल्ली

सही है ये

बिलकुल ही काली होती है
उज्ज्वल करती किंतु हृदय
जिसके मन में बसी हुई है
उसे नहीं है कोई भय

कालिदास हों या तुलसी हों
सबके साथ रही है ये
लोग गलत हो जाएँ सारे
लेकिन सदा सही है ये।
उत्तर: स्याही

कल-कल

सबसे ऊँचा यह पर्वत है
इससे आतीं गंगाजी
कलकल कलकल छलछल छलछल
हर पल गाती गंगाजी

आसमान छूती है चोटी
इसको बरफ सजाती है
सूरज की किरणों से चोटी
सोने सी बन जाती है।
उत्तर: हिमालय

लाल-लाल

लाल-लाल बंदर से हम हैं
लाल-लाल हो तुम
चलो लगा लें हम-तुम दोनों
एक बड़ी-सी दुम

यह त्योहार बड़ा अच्छा है
आई पिचकारी
लेकर लाल गुलाब आ रही
टोली ही सारी
उत्तर: होली

आँगन में

रोज रोशनी लेकर आता
सीधा मेरे आँगन में
रोज भोर में मुझे जगाता
सीधा मेरे आँगन में

रोज भोर होता है इससे
सीधा मेरे आँगन में
खूब शोर होता है इससे
सीधा मेरे आँगन में।
उत्तर: कौवा

बंद रहेगा

घर के बाहर जब जाते हैं
लटकाते दरवाजे पर
अगर नहीं खोलें हम इसको
बंद रहेगा पूरा घर।
उत्तर: ताला

एक फूल

अगर आब या चमक कहीं है
तो है केवल इसमें
यह है एक फूल यानी गुल
पर यह गुण है किसमें।
उत्तर: गुलाब

खाती हूँ डोरा

बिलकुल छोटा मेरा मुँह है
खाती हूँ डोरा
अक्सर ही लाता खरीदकर
दरजी का छोरा

फटी कमीज, कोट पाजामा
मैं सुधारती हूँ
दिनभर काम करूँ मैं, लेकिन
नहीं हारती हूँ

डिब्बी के भीतर रहती हूँ
रखती हैं दादी
लेकिन इधर-उधर रखने की
अम्मा हैं आदी।
उत्तर: सुई

गैस भरे

नीले भी हैं पीले भी हैं
हरे-हरे हैं, लाल
गैस भरे उड़ते हैं
यह है खूब कमाल

पकड़ एक को मैं उड़ जाऊँ
छू आऊँ आकाश
चाँद बड़ा अच्छा लगता है
जाऊँ उसके पास।
उत्तर: गुब्बारे

पंख पसारे

नाचा करता है यह बन में
अपने पंख पसारे
कभी पेड़ पर, कभी मेड़ पर
या फिर नदी किनारे

अच्छा, अब तुम इस पक्षी का
जल्दी नाम बताओ
फिर इनाम भी कोई मुझसे
जल्दी ही ले जाओ।
उत्तर: मोर