भारतीय जुआन / अमरनाथ मेहरोत्रा
कारगिल आ बटालिक इलाका में
सीमा अतिक्रमण के जे परेसानी
बनल हए
ओक्कर माकूल जवाब
हम्मर जुआन स∙ दे रहल हए।
पीठ में छुरा हलाबे वाला
घुसपइठी स∙ के
गला मरोरल जरूरिए हए
ओक्कर गंदा आ अपवित्र लेहू से
हुनके भिजाएलो जरूरी हए।
अप्पन परिवार से दूर
ऊ जे बलीदा दे रहलन हँ∙
ओकरा देस बुला न सकइअ
एक-एक कतरा लेहू के हिसाब
दुसमन से लेनाइओ जरूरी हए।
जयचंद आ मीरजाफर लेखा
जे पीठ में कतार धँसएलन
उनका निम्मन सबक सिखाओल जतई
जे से आगे कबहूँओ
अप्पन टेढ़ आँख
हमरा देस ओरी न करिहन।
हुनकर बलिदान देस के लेल
पूरा आ भकति हए
हुनकर परान के उत्सर्ग
बेकार जाय वला न हए
हुनकर सहादाद के कफ़न से
रनचंडिओ के सजावल जाएत।
जुआन के परान के बलिदान
एगो आदर्स उदाहरन हए
देस के सऊँसे धन, सोना-चांदी
के तउलल जाए तबहिओ
हुनकर परतर न हो सकईअ।
एकता आ देस भकति के जे
बिगुल ऊ बजएलन ह∙
ओक्कर कथा त∙
सोना के अच्छर में जरूरे
लिखल जाएत
देस एकरा कहिओ
भुलाबे वला न हए।