भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भारत की गौरव गाथा / गरिमा सक्सेना

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भारत की गौरव गाथा को
सारी दुनिया गाती है।
यहाँ शौर्य की विजय पताका
कण-कण में लहराती है।।

"वीर शिवाजी", "महाराणा"
सम यहाँ पुत्र बलवान हुए,
यहाँ देश की आजादी हित
लाखों सिर कुर्बान हुए, 
अमर शहीदों के बलिदानों
की ये अनुपम थाती है।

बुंदेलों के मुँह पर
"लक्ष्मीबाई" की गाथाएं हैं, 
"जीजाबाई", "पन्नादाई"
सदृश हुईं माताएं हैं, 
पुत्री "नीरजा" के साहस पर
दुनिया शीश झुकाती है।

धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र यहीं पर,
गौरव हल्दीघाटी है, 
वीरों के शोणित से उर्वर
यहाँ देश की माँटी है,
मात भारती वीर-शीश पर
अपना तिलक लगाती है।