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भालरि मूनि कऽ / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

भालरि मूनि कऽ
भालरि मूनि कऽ उघारि कऽ बैसली फल्लाँ छिनरो हे
भालरि मूनि कऽ
सात बाल्टी पानि लऽ कऽ दौड़ल आबथि फल्लाँ भइया
आइ भालरि मूनी कऽ दौड़ल आबथि फल्लाँ भइया
आइ भालरि मूनि कऽ उघारिकऽ बैसली फल्लाँ छिनरो हे
भालरि मूनि कऽ
सात पासा साबुन लऽ कऽ दौड़ल अबथिन फल्लाँ भइया
आइ भालरि मूनि कऽ बैसली फल्लाँ बहिनो हे
भालरि मूनि कऽ
सात टा कैंची नेने दौड़ल अबथिन फल्लाँ भइया
आइ भालरि मूनि कऽ जगमूड़न हेतनि हे भालरि मूनि कऽ
भालरि मूनि कऽ उघारि कऽ बैसली फल्लाँ छिनरो हे
भालरि मूनि कऽ
सात टा तौलिया नेने दौड़ल अबथिन फल्लाँ भइया
आइ भालरि मूनि कँ रगड़ि कऽ पोछबनि हे भालरि मूनि कऽ
भालरि मूनि कऽ उघारि कऽ बैसली फल्लाँ छिनरो हे
भालरि मूनि कऽ