Last modified on 21 जून 2008, at 00:13

भूकम्प : कुछ कविताएँ-4 / सुधीर सक्सेना

जब बुरा वक़्त आता है

तो बहुत कुछ बुरा होता है

मगर,

जब बहुत बुरा वक़्त आता है


तो जिन रास्तों से

गुज़रा था काफ़िला

उन्हीं रास्तों से

गुज़रती है मौत।