भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भूखे मनुष्य को न खिलाने का फ़ैसला / देवी प्रसाद मिश्र

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

गोरक्षा ग्रास समिति की गाड़ी गायों का खाना लेकर गायों का इन्तज़ार कर रही थी। गायें आस पास नहीं दिख रही थीं।
वे आसपास से दूर गू वगैरह की तलाश में घूम रही थीं
लोक अलबत्ता गोरक्षा समिति की गाड़ी को घेर कर खड़े हो गए।

वे शर्माए हुए थे कि वे भूखे थे और मनुष्य थे और यह सन्देश देने की कोशिश कर रहे थे कि जो खाना गाय को खिलाने के लिए
लाया गया था वो उन्हें ही खिला दिया जाये लेकिन गाड़ी में बैठे
कार्याधिकारियों ने कहा कि गायों का खाना
मनुष्यों को नहीं दिया
जा सकता।

उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल मनुष्य रक्षा ग्रास समिति गठित नहीं की गई है और
भूखी गायों का खाना भूखे मनुष्य को खिला देने का फैसला
हिन्दुत्व की कैबिनेट की मीटिंग में नहीं लिया गया है।