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भूख मरत ईमान गली मा / कुंज बिहारी लाल चौबे
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भूख मरत ईमान गली मा मांगत भीख खड़े हे ।
बीच शहर बइमान सेठ के भारी महल अड़े हे ।
जनता के पइसा मा भइया नेतामन मजा उड़ावैं ।
अफसर पंखा तरी बइठ के दिन भर जीव जुड़ावै ।