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भूख / रेणु हुसैन
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					ऊंची—ऊंची मीनारों के 
आलीशान कमरों में 
महकते लिहाफ लिए
सोने वाले कुत्तो
सावधान रहो 
 
कहीं तुम्हारे गले पड़ी 
सोने की चेन को
कहीं तुम्हारे महंगे बिस्कुट
ले ना जाए कहीं चुराकर 
कोई आदमी 
 
तुम कुत्ते हो 
तुमको तो मालूम ही होगा
कि इस बेरहम शहर में 
भूख के मारे इंसानों की 
कोई कमी नहीं
 
भूख का मारा
चाहे इंसान हो या कुत्ता
कुछ भी कर सकता है।
	
	