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भूख : सात / ओम पुरोहित ‘कागद’

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रूप री भी
होवै भूख
जकी ढकै
मुंडै री झुर्यां
काळा करै बाळ
जीमावै जमावणां
रूप री भूख ई
लगावै चस्मा
पैरावै गाभा अदबदा।

रूप री भूख
पळै-टुरै
देह साथै
छेकड़ मरै
देह साथै!