Last modified on 24 जनवरी 2019, at 02:19

भूदृश्य-1 / ये लहरें घेर लेती हैं / मधु शर्मा


रंग के भीतर थे रंग के भीतर थे रंग,
इतने रंग
बिखरे भूदृश्य में!
झुरमुट के पीछे का घर...
घर था ढँका ुआ
कुछ ठीक नहीं था

नदियों के आगे थीं नदियाँ
चटियल मैदानों तक जातीं
पर्वत से गिर,
नदियों का झुरमुट
जीवन का था जैसे
यादें थीं
घर-पर्वत-नदियों सी
घुली-मिली।