भूल चुका हूँ / अलेक्सान्दर पूश्किन / वरयाम सिंह
मित्र, मैं भूल चुका हूँ बीते वर्षों के सब निशान,
भूल चुका हूँ यौवन के सारे उपद्रव।
पूछो नहीं मुझसे जिसका अब अस्तित्व रहा नहीं,
पूछो नहीं जिसे प्राप्त किया था दुख और सुख के क्षणों में,
जिसे मैंने प्रेम किया था, धोखा दिया था जिसने मुझे,
भले ही सुख मुझे पूरी तरह भोगने को मिले नहीं
तुम तो निर्दोष हो, संसार में सुख पाने के लिए आई हो,
आश्वस्त रहो, निश्चिन्त रहो, यों ही न जाने दो इन पलों को:
प्रेम और मित्रता के लिए इतना जीवन्त है हृदय आज, जीवन्त है मधुर चुम्बनों भरे आनन्द के लिए,
निष्कलुष है तुम्हारा हृदय, अपरिचित है वह दुखों से, निर्मल दिवस-सा उज्ज्वल है तुम्हारा शिशु अन्तःकरण।
क्यों सुननी पड़े तुम्हें कामुकता और उन्माद की नीरस कथा ?
चाहो या न, वह आन्दोलित करती रहेगी तुम्हारे शान्त हृदय को,
आँसू बहेंगे तुम्हारी आँखों से, काँप उठेगा तुम्हारा हृदय, ग़ायब हो जाएगी सहज विश्वास करते तुम्हारे हृदय की निश्चितता,
संभव है तुम्हें मेरे प्रेम से डर लगता होगा, लगता रहेगा सदा।
प्रिय, डर रहा हूँ कहीं वंचित न रहूँ अन्तिम आनन्द से,
मुझसे माँग न करो किन्हीं ख़तरनाक नई बातों की,
सुखी हूँ, प्रसन्न हूँ कि आज मैं प्रेम कर रहा हूँ तुम्हें।
मूल रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह
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लीजिए, अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए
Александр Пушкин
Мой друг, забыты мной следы минувших лет
Мой друг, забыты мной следы минувших лет
И младости моей мятежное теченье.
Не спрашивай меня о том, чего уж нет,
Что было мне дано в печаль и в наслажденье,
Что я любил, что изменило мне.
Пускай я радости вкушаю не вполне;
Но ты, невинная, ты рождена для счастья.
Беспечно верь ему, летучий миг лови:
Душа твоя жива для дружбы, для любви,
Для поцелуев сладострастья;
Душа твоя чиста: унынье чуждо ей;
Светла, как ясный день, младенческая совесть.
К чему тебе внимать безумства и страстей
Незанимательную повесть?
Она твой тихий ум невольно возмутит;
Ты слезы будешь лить, ты сердцем содрогнешься;
Доверчивой души беспечность улетит,
И ты моей любви, быть может, ужаснешься.
Быть может, навсегда… Нет, милая моя,
Лишиться я боюсь последних наслаждений.
Не требуй от меня опасных откровений:
Сегодня я люблю, сегодня счастлив я.
1821 г.