भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भूल जाना मुझे / येव्गेनी येव्तुशेंको

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

भूल जाना मुझे
अवश्‍य भूल जाना
एक पल के लिए भी यदि अच्‍छा लगे
भूल जाना मुझे ।
भूल जाना
अन्धियारे तायगा के झोंकों की तरह
इन झोंकों के प्रति हमारी विवशता की तरह ।

भूल जाना मुझे
जैसे भुलाया जाता है अपने आपको
और भूल जाने पर भी
हम होते हैं जो हैं वास्‍तव में ।
भूल जाना मुझे
आग की चमक ही तरह
जिसकी लपटों ने झुलसाया तुम्‍हें,
डराया अपनी गरमाहट से
और घेरे रखा शीत के भय से ।

भूल जाना मुझे
जैसे भुला दी जाती है
अन्धेरे जंगल से गुज़रती रेलगाड़ी
जिसकी दहकती खिड़कियाँ
दस्‍तक नहीं देतीं स्‍मृतियों पर ।

हिम्‍मत रखना, सोचना —
मैं जैसे रहा ही न हूँगा इस संसार में
यह इतने महत्‍व का नहीं,
बस, तुम देखते रहना
चिन्तित और आर्द्र,
बने रहना युवा, बिकना नहीं किसी के हाथ ।

पर, न भूलने का अधिकार प्राप्‍त है उन्‍हें
जिन्‍हें भुला दिया गया है
कैसे सपने देखेंगे जीवित लोग
निर्भर करता है मृतकों पर ।

मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह

लीजिए, अब यही कविता मूल भाषा में पढ़िए
          Евгений Евтушенко
                     * * *
Забудьте меня, если это забвенье
счастливее сделает вас на мгновенье,
забудьте, как темной тайги дуновенье
и как дуновению повиновенье.

Забудьте меня, как себя забывают,
и только при этом собою бывают.

Забудьте меня, словно отблеск пожара,
чье пламя нас грело, и вам угрожало,
и жаром и холодом вас окружало,
и, вас обвивая, по телу бежало.

Забудьте меня, словно поезд, промчавший
горящие окна над черною чащей
и в памяти даже уже не стучащий,
как будто пропавший, как будто пропащий.

Забудьте меня. Поступите отважно.
Я был или не был – не так это важно,
лишь вы бы глядели тревожно и влажно
и жили бы молодо и непродажно…

Но не забывать – это право забытых,
Как сниться живым – это право убитых.

1977