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भूल भी जा तू कहानी मेरी / रंजना वर्मा

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भूल भी जा तू कहानी मेरी
अब न बाक़ी है निशानी मेरी

साथ शम्मा के झुलस जायेगा
तूने क्यूँ बात न मानी मेरी

अब न दे जख़्म बेवफ़ाई का
जिंदगी कर दे सुहानी मेरी

अजनबी बन के न यूँ बात बना
तुझ से पहचान पुरानी मेरी

तुझ पर की ज़िन्दगी निछावर पर
कद्र तू ने ही न जानी मेरी

ख़्वाब में फिर खिले गुलाब कई
फिर ग़ज़ल हो गयी धानी मेरी

तूने जादू-सा किया है मुझ पे
धड़कनें की हैं दिवानी मेरी