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भेंट / सुनीता जैन
Kavita Kosh से
सोचो कि हम दोनों
मिले हैं
और बड़ी शालीनता से
दो कप चाय
बीच में रख
बैठ गये हैं
अब सोचो
कि हमें
क्या कहना है
पिछला कुछ
उलाहना है?
अगला कुछ
कल्पित कर
बतलाना है?
या इसी भंेट में
अलग हो जाना है?
सोचो न,
क्या कहना है!