भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भेद / केशव

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बच्चे को मुस्कराते देख
मुझे याद हो आया
अपना बचपन

बच्चे को
क्या याद आया
होगा बता सके शायद बच्चा ही

मैं भी बता सकता हूँ
अपने भीतर बैठे
बच्चे से पूछकर।