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भेलै केहन ससुरा / कैलाश झा ‘किंकर’
Kavita Kosh से
केहन हम्मर नैहर रहै
भेलै केहन ससुरा।
बूँदा-बूदी होत्तेॅ होय छै
कादऽ कैसन गाँव में
केना केॅ वियाह कैलन
बाबू ऐसन गाँव में
रोड छै नै बिजली
गेलै बीसवीं सदी
काटने आबै गाँव तरफ
गंगा जैसन नदी
बाँधै पर सँ गिरतें-पड़तें
पहुँचै कनियाँ-पूतरा।
सौंसे जिला हल्ला भेलै
गामऽ पर छै खतरा।
खेती-पत्ती की होतै
सौंसे गाँव बगीचा
आम अमरूद, केला-कटहल
काटै छै शरीफा
पान के दुकान छै नै
चाय के दुकान छै
बजबै सभ्भे गाल कहै
हमरऽ गाँव महान छै
डेहरी-डेहरी ताश खेलै
खाय छै भाँग-धथूरा।
लागौं तोरा चाहे जैसन
कहबौं साफ-सुथरा।
केहन हम्मर नैहर रहै
भेलै केहन ससुरा।