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भेल विवाह राम चलला, कोबर घर, सरहोजि छेकल दुआरि हे / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

भेल विवाह राम चलला, कोबर घर, सरहोजि छेकल दुआरि हे
छोडू-छोडू आहे सरहोजि, हमरो कोबर घर जाय दीअऽ हे
नहि छोड़बै आहे रामचन्द्र अहूँके कोबर घर, हमरो के किए देब दान हे
देबमे देब हे सरहोजि कान दुनू सोनमा, देबमे गला गृमलहार हे
नहि लेब आहे रामचन्द्र कान दुनू सोनमा, नहि लेब गला गृमलहार हे
लेबमे लेब रामचन्द्र छोटकी बहीनियाँ, पियाजी के भेजब संदेश हे