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भोज वृक्ष / सुदर्शन वशिष्ठ
Kavita Kosh से
बौने भोजवृक्ष
और बौने होते जाते ऊँचाई के साथ
ऊँचाई पर बौने होकर जीना भी
कद्दावर होना है।
ऊँचाई का अँतिम पेड़
भोज
पवित्र, देवता सा
जिस पर लिखे गए महाकाव्य
कविता को लगे पँख
पहाड़ पर भोज
जैसे समुद्र में शँख।