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भोर भागल जेना दूपहर देखि कऽ / बाबा बैद्यनाथ झा
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भोर भागल जेना दूपहर देखि कऽ
गाम-गामो ने रहलै शहर देखि कऽ
आयत गरमी जखन नहि पानियेँ पड़त
हेतै खेती ने छुच्छे नहर देखि कऽ
बाढ़ि मिथिलाकेँ दै छै समुद्रे बना
क्यो ने रहते एना गाम-घर देखिकऽ
नोर भूकम्पकेर पोछतै के ककर
गाम मरघट आ घर खंडहर देखिकऽ
कोना कानैए बस्ती मसोमात सन
रोजे शोणित आ हत्या कह देखिकऽ
के कहतै जे मन्दिरमे भगवान छै
स्वर्णमंदिर आ अमृतसर देखिकऽ
जकर मिटलै सिनुर ओहि पंजाबमे
कोना जीतै सासुर-नइहर देखिकऽ
राति-दिन बउआ खाली कमेंट्री सुनए
कियैक पढ़तै क्रिकेटक लहर देखिकऽ
बाप जोगय घर माय जाइ छै बजार
बेटी माइयोसँ छै फरहर देखिकऽ
बाट तकने छी सभदिन सुधापान केर
आब जीबै कोना हम जहर देखिकऽ