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भोर सूं आथण तांई खटै तावड़ो / सांवर दइया
Kavita Kosh से
भोर सूं आथण तांई खटै तावड़ो
तावड़ै सूं ई देखो कटै तावड़ो
सूखै गळो बळै पग पण सोच ना कर
छीयां ई आसी है जठै तावड़ो
असाढ बीनणी रि मदछकियो जोबन
छिनाळ छीयां नूंतै पण नटै तावड़ो
अगलै धोरै पाणी री आस दीसै
बगता चालो भायलां घतै तावड़ो
करड़ी छाती पग सांभ टुर्यां आगै
आ पूछां आपस में- कठै तावड़ो