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भ्रुण-परीक्षण / नासिर अहमद सिकंदर
Kavita Kosh से
मेरे सामने की बर्थ में था
उनका परिवार
माँ
और दो बच्चियाँ
बड़ी बच्ची का चेहरा
हूबहू माँ की तरह गोल
चाँद सरीखा
छोटी का
बड़ी बहन से मिलता जुलता
लेकिन दिखने में उससे भी सुंदर
बड़ी प्यारी हैं बच्चियाँ
मैंने
उनकी माँ से कहा
इस वाक्य पर
बिना ध्यान दिये
वह खोई रही
मुग्ध
अपने भ्रूण पर
जो निश्चित
लड़का था !