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मंगलसूत्र / वर्तिका नन्दा
Kavita Kosh से
पति को याद नहीं होता
पत्नी का जन्मदिन
उसकी पसंद
कोई नापसंद
उसके खाने का समय
उसकी ख़ुशियाँ
उसके मायके का रास्ता
या यह भी कि शायद कोई रहता भी है
उस घर में
पति को नहीं रहता अहसास यह भी
कि पत्नी को क्यों याद रहता है
उसकी बनियान सूखी या नहीं
सब्जी उसके स्वाद की बनी या नहीं
ज़रूरत तो नहीं कहीं
उसके सर को मालिश की
कहीं थक तो नहीं गया वो बेचारा बहुत ज़्यादा
पत्नी को सब याद रहता है
पति के बॉस का बर्थ-डे और
उनके कुत्तों के नाम
उसकी बहनों के पते और
उन्हें पड़ने वाले काम
पर पति की याद्दाश्त होती है
कमज़ोर ही
आख़िर वो पति जो है