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मंगलाचरण-तोड़क छंद / मुंशी रहमान खान

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निराकार कर्ता के चरण शीश नावो।
आवो वर वधू की जय जय मनावो।। टेक।।
आ, सुशील सखियाँ लगा तेल उबटन।
आ, सुशील सखियाँ लगा तेल उबटन।।
महंकदार पानी से मल मल नहवावो।।
आधो वर वधू की जय जय मनावो।। 1
आभूषण और वस्‍त्र ले प्‍यारे वर वधू के, 2
कोमल अंग अंगन में रच रच पहिनावो।
आवो वर वधू की जय जय मनावो।। 2 निरा...
अति उछाह हर्ष से मंडप को साज कर, 2
सत्‍कार प्‍यार करके वर वधू को बिठावो।
आवो वर वधू की जय-जय मनावो।। 3 निरा...
बुला प्रवीन विप्र वर पढै़ं वेद मंत्र वर, 2
अपने कुल वेद रीति ब्‍याह को रचावो।
आवो वर वधू की जय जय मानावो।। 4
सब सुमुख सुलोचनी मंडप में आय कर, 2
अति उछाह हर्ष से मंगल गीत गावो।
आवो वर वधू की जय जय मनावो।। 5 निरा...
मातु पितु भाई बहिन गुरु परिवार सब, 2
जिन मुखारविंद से आशीश फूल बरसावो।
आवो वर वधू की जय जय मनावो।। 6 निरा...
प्रेम सहित ब्‍याह कर भाइन का सत्‍कार कर, 2
छुवा छूत दूर कर भोजन करवावो।
आवो वर वधू की जय जय मनावो।।7 निरा...
आए बंधु दूर से कृपा कीन्‍ह पूर से, 2
दूँ धन्‍यवाद हृदय से कुशल सहित घर जावो।
आओ वर वधू की जय जय मनावो।।8 निरा...
यही आशीश रहमान की हो कृपा भगवान की, 2
रक्षा करें प्राण की दूध पूत वर पावो।
आवो वर वधू की जय जय मनावो।। 9 निरा...

श्रीयुत-महामान्‍य, हृदय सम्राट महात्‍मा गांधी जी के अचानक स्‍वर्गवास होने के शोक में शोकनीय चौताल।।

शोक ! शोक !! शोक !!!