मंगला / नंदकिशोर शर्मा
एक दिन मंगला के ऐंगना हम गेलियै
कहै छिऔ की की हम हूँआँ देखलियै।
भसकल सन भित्ता में टुट्टल सन चाँड़ी
हाबा में हिलै रहै ऊ बिचला बाँड़ी
हील गेल अन्हड़ में जे बिचला खंम्भा
बैन्ह देलक मंगला पुरान एगो रम्भा
चूल्हे पर छप्पड़ कॅे चूतैं देखलियै
एक दिन मंगला के ऐंगना हम गेलियै।
झपटी में ओलती के टाटे उजैड़ गेल
पल्ला पुरनका ऊ आधा गो सैर गेल
पछिया उड़ैलक दुआरी के छप्पर
मौगी जे बोल्लै त मारलक दू थप्पड़
मंगला के कनियांकै कानतें सुनलियै
एक दिन मंगला के ऐंगना हम गेलियै।
माथा पर हाथे सुसताय्ल रहै मंगला
देहरी पर चित्ते पटाय्ल रहै मंगला
कोठी के दोगी से टुट्टल सन मचिया
देल्लक जे बैठैलेॅ बेटी बरसतिया
की कहियो देख-देख ऊहाँ गमलियै
एक दिन मंगला के ऐंगना हम गेलियै।
तिनपौआ-खाट पर खाँसै छै अम्मा
बाबू के आगू में रोटी-गुरम्मा
बगले में बान्हल मेमियावै छै नेमना
फट्टल चटैनी पर चिकड़ै छै चेंगना
कुहरै छै कुतवा ऊ हम्में जे ऐलियै
एक दिन मंगला के ऐंगना हम गेलियै।
कलवतिया कानै छै फाटल छै घंघरा
मौगी के अलगे छै नव्बे गो नखरा
भूक्खल ऊ टाँय-टाँय बोल्लै जे मैना
वरसतिया गोस्सा सें फोय्र देलक ऐना
तन्नी गो रुकला पर केतना लखलियै
एक दिन मंगला के ऐंगना हम गेलियै।
मंूजबाला दौरा में झड़कलका जंडा
चिलका छै पाँच मगर एक्के गो मंडा
रक्खल जे धौरखा पर बासी गुरम्मा
चाय्ट गेल छुच्छे ऊ छोटका निकम्मा
गेल्लै पराय जब आकरा बोलैलियै।
एक दिन मंगला के ऐंगना हम गेलियै।
ओहने पर आयगेल दू गो भिखमंगा
मंगला सें मांगेॅय् लगल ओन आरो अंगा
भित्तर सें मंगला छै केतना महान हो
देल्लक फतूही और चार कोबा धान हो
कहलक भिखारी जे गौर सें सुनलियै।
एक दिन मंगला के ऐंगना हम गेलियै।
तन्नी गो रूकलौं जे दुतल्ला गेट पर
फेकलक झटहरा कि कि चोट लगल पेट पर
पक्का पर छिटकै छै छुच्छे बैमानी
फूसे में मिलतोॅ दधीची सन दानी
यादे सुदामा कबीरदास कैलियै।
एक दिन मंगला के ऐंगना हम गेलियै।
मन के अन्हरिया में लक्ष्मी के बास भेल
कंचनमन मंगला के घर छूच्छे घास भेल
उप्पर के मुन्शी पुरनका बदैल गेल
लागै छै बैमानी उपरो में चैल गेल
देख-देख आब हम जित्तै अन्हरैलियै।
एक दिन मंगला के ऐंगना हम गेलियै।