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मंजिल जीवन की पाना है / रंजना वर्मा

मंजिल जीवन की पाना है।
तो सच का साथ निभाना है॥

जन्मोत्सव हो या मृत्यु दिवस
इक नूतन पौध लगाना है॥

फिर से वट पीपल छाँव तले
अपना सुख-सदन बनाना है॥

सुख-दुख के इस दोराहे पर
क्षमता का बीज उगाना है॥

हो धूल न धुँआ कहीं जग में
सबको यह पाठ पढ़ाना है॥

नफरत करने वाले जग को
ममता के पथ पर लाना है॥

वंदना योग्य भारत अपना
साबित करके दिखलाना है॥