भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मकान ने कहा मकान से / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
मकान ने कहा मकान से
दुकान ने कहा दुकान से
- आदमी चोर है ।
(रचनाकाल : 06.04.1968)