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मक्खन / ओरहान वेली
Kavita Kosh से
चचा हिटलर !
कभी आना हमारे घर
अपनी माँ को दिखाऊँगा
तुम्हारी चोटी और मूँछें
और इसके बदले तुम्हें दूँगा मक्खन
अपनी रसोई के छींके से उतारकर
तुम अपने सैनिकों को देना उसे
खाने के लिए।
सितम्बर, 1939
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय