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मछलियाँ देखती हैं सपने (कविता) / रंजना जायसवाल
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रंगीन शीशे के
जार में
कैद होने के बावजूद
मछलियाँ
देखती हैं
दिन-रात
समुद्र से
मिलने का सपना।