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मछलियाँ / अनुभूति गुप्ता
Kavita Kosh से
सुहानी नदिया में तैरती,
पानी के साथ खेलती।
धूम-धड़ाका वो मचाती ,
छप-छप छलांग लगाती।
रंग-बिरंगी मछलियाँ,
प्यारी-न्यारी मछलियाँ।
आँखों को मटकाती,
झूम-झूम पंख फैलाती।
व्योम छूने को उचकती,
उमंग-तरंग से नाचती।
खुशियाँ बिखेरती मछलियाँ,
जल की रानी मछलियाँ।