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मछलियाँ / राग तेलंग
Kavita Kosh से
मछलियाँ भी
नदी के साथ आ मिलती हैं समुद्र में
इसके साथ ही
समुद्र में घुलती है नदी की गंध
जो वे मछलियाँ
अपनी स्मृति में ज़िंदा रखती हैं
कुछ मछलियाँ
समुद्र से नदी की ओर लौटती हैं
धारा के विरूद्ध लेकिन नमक के साथ
अपने पुरखों की खोज में
मगर फँस जाती हैं
मछुआरों के जाल में
उद्गम तक पहुंचना इच्छा में बने रहना होता है
मछलियों का
नदी से समुद्र,
समुद्र से नदियों में
आना-जाना
हमारी उम्र के
अलग-अलग दौर हैं
जिसे मछलियाँ बयान करती हैं ।