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मछली / सुमन केशरी
Kavita Kosh से
वह रेत में दबी मछली थी
जो मुझे मिल गई
निर्जन बियाबान मरुस्थल में
पानी
तलाशते तलाशते ...
पानी बीएस उसकी आंखो में था
मुझे देख वह डबडबाई
और
मैंने अंजुरी भर पी लिया उस खारे जल को ...