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मजबूरी में हाँ कह देना प्यार नहीं होता / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
Kavita Kosh से
मजबूरी में हाँ कह देना प्यार नहीं होता।
हर दुश्मन के हाथों में हथियार नहीं होता।।
फिर भी धोखा खा जाते है मीठी बोली में।
चोरी की चीजों पर कुछ अधिकार नहीं होता।।
सूखी नदियाँ खुद प्यासी हैं पानी बिन तरसे।
दस बरसाती बूंदों से मझधार नहीं होता।।
ठग कर जितना चाहो धन तुम अर्जित कर लेना।
पकड़े जाने पर कोई हकदार नहीं होता।।
मिल जुलकर रहने वालों को कष्ट बहुत होता।
पर उसके जैसा कोई दमदार नहीं होता।।
नादानी में अपने भी ऐसा क्यों कर देते।
जैसा वे चाहे वैसा संसार नहीं होता।।