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मज़बूती / शशि सहगल
Kavita Kosh से
दुख उन्हीं का होता है
जिनसे कभी मिला था सुख
अभाव सालता है उन चीज़ों का
जिनके प्रति
रहा था कभी कोमल भाव
छटपटाता है आदमी
इन विपरीतों से मुक्ति के लिए
पर
बड़ी कमज़ोर होती है
आदमी की पकड़