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मजूर’र भगत / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
घड़ै
घड़ाईदार
मूरतां
भगतां री
फरमास सारू
करणी बीं नै
दो पइसा मजूरी
पाळणी टाबरी
पण भगत करसी
बां मूरतां री
जी हजूरी
जक्यां पर
चढयोड़ै चढावै रै
पाण
उडावै बै रोजीना
छप्पन भोग !