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मणियों का जूता / अश्वघोष
Kavita Kosh से
मम्मी पर है ऐसा जूता,
जिसको लाया इब्न बतूता!
यह जूता परियों का जूता,
यह जूता मणियों का जूता,
मोती की लड़ियों का जूता,
ढाई तोले सबने कूता,
इसको लाया इब्न बतूता!
इस जूते की बात निराली,
पल में भरता पल में खाली,
बच्चे देख बजाते ताली,
अजब-अनूठा है यह जूता,
इसको लाया इब्न बतूता!
इसमें अपने पाँव फँसाकर,
हम जाते हैं नानी के घर,
इसे पहनकर भग जाता डर,
इसको रोके किसमें बूता,
इसको लाया इब्न बतूता!