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मतदान / एस. मनोज
Kavita Kosh से
लोकतंत्र क' राज चलैबै
नर नारी सभ वोट खसैबै
वोटे सँ आब जुग बदलै छै
वोटे क' करबै गुणगान
चलै चलू करबै मतदान।
भाग्यक रेखा वोट सँ बनतै
अंधकार सभ वोटे हरतै
लाठी बाला तंत्र न आबै
सभहक सिखबू यैह सद्ज्ञान
चलै चलू करबै मतदान।
व्यस्क लोक सभ वोट खसैतै
कानून बाला राज चलैतै
लोकतंत्र क' पाबनि थिक ई
यैह बढ़ाबै अप्पन शान
चलै चलू करबै मतदान।