भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मतदान / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भालू नें
भालूनी सें कहलकै
पिछलुका बेरी वोट दै लेॅ गेलियै
वै ठांम एवीएम मशीन पर नजर देलियै
वै में एक सें बैढ़केॅ एक
बेइमान के नाम देखलियै
केकरा वोट दियै
हमरोॅ माथा चकरैलै
फिरो वै मेॅ सें चुनलियै
जे छै कम बेइमान
ओकरा आपनोॅ वोट
दै केॅ कैलियै सम्मान
यै बार के चुनाव में सबके सब बराबर पैलियै
तब
नोटा के बटन दबायकेॅ वापस ऐलियै।