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मत गाँधी को बदनाम करो / हरेराम बाजपेयी 'आश'
Kavita Kosh से
लाखों कष्ट सहन कर उसने,
तुम्हें दिलाई आजादी,
राष्ट्रपिता होकर भी बापू,
भूखा रहा और पहली खादी,
कब तुमसे बोला था बापू,
बंगलों में आराम करो।
मत गाँधी को बदनाम करों।
आज देश का हर नेता,
बापू की माला जपता हैं,
शपथ देश की खाता,
पर खुद सेवा करवाता है,
कब तुमसे बोला था बापू,
नेता बन ऐहसान करो।
मत गाँधी को बदनाम करो।
झुठे वादे-झूठी कसमे,
और नहीं अब कोई करेगा,
देश-भक्ति और सत्य अहिंसा,
का पालन तन मन से करेगा,
जो तुमसे बोला था बापू,
उस पर भी कुछ काम करो,
मत गाँधी को बदनाम करो॥